भारतीय क्षात्त्र परम्परा - Part 42
यदि नवीन तथा नवीनतम शस्त्रों को विकसित किया जाता रहा जिससे सततरुप से शस्त्र भण्डार बढ़ता रहे तो लम्बे समय तक शांति-स्थापना की संभावना कहॉ रह जाती है ? सभी लोगों की आकांक्षा है कि पूरे विश्व में सब लोग उत्तम आचरण के साथ शांति पूर्ण जीवन व्यतीत करें किंतु क्या यह मात्र दिवास्वप्न नहीं है ? मात्र मौखिक रुप से शांति की घोषणाओं के दोहराने से तो सर्वव्यापी सर्वनाश को रोका नहीं जा सकता है। इससे तो विश्वनाश के उपरांत ही सब कुछ ठीक हो सकेगा !!